कैसे भारत के नए जमाने के इंफ्लूएंसर्स चुनावी खेल को आकार दे रहे हैं?

Photo by Dibakar Roy from Pexels. Used under a Pexels license.

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भारत अपने आगामी आम चुनावों के लिए तैयार है, जो 19 अप्रैल, 2024 से शुरू होकर एक महीने से अधिक समय तक चलेगा। जैसे-जैसे चुनाव की तारीखें नजदीक आ रही हैं, राजनीतिक दल विभिन्न माध्यमों से मतदाताओं तक पहुंचने के अपने प्रयासों को तेज कर रहे हैं। हालाँकि, इस बार पार्टियाँ केवल सामूहिक रैलियों और घर-घर अभियान जैसे पारंपरिक तरीकों पर निर्भर नहीं हैं। कई पार्टियां चुनाव प्रक्रिया में अपनी पहुंच और भागीदारी को अधिकतम करने के लिए इंटरनेट और सोशल मीडिया की शक्ति का लाभ उठा रही हैं।

जुलाई 2018 में, तकनीकज्ञ शिवम शंकर सिंह ने बेंगलुरु में एक डेटा सम्मेलन में “वेपनाईज़िंग डेटचा फॉर पॉलीटिक्स” शीर्षक से एक पेपर प्रस्तुत किया। प्रस्तुति के दौरान, सिंह ने सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के लिए एक प्रमुख अभियान टीम में अपनी भागीदारी का खुलासा किया, जहां उन्होंने चुनावों में बढ़त हासिल करने के लिए एक्शनेबल इनसाईट्स प्राप्त करने के लिए निर्वाचन क्षेत्र प्रोफाइल और सूक्ष्म-स्तरीय डेटा का उपयोग किया।

छह साल बाद, भारत खुद को डिजिटलीकरण के फास्ट ट्रैक पर पाता है। 800 मिलियन से अधिक इंटरनेट उपयोगकर्ताओं और इंस्टाग्राम, फेसबुक और व्हाट्सएप पर दुनिया की सबसे बड़ी उपस्थिति के साथ, राजनीतिक दलों के लिए अपने संदेशों को व्यापक दर्शकों तक पहुंचाने के लिए सोशल मीडिया इंफ्लूएंसर्स को लुभाना जरूरी हो गया है। जैसे-जैसे चुनाव नजदीक आ रहे हैं, पार्टियों ने ऑनलाइन आबादी को आकर्षित करने के उद्देश्य से हजारों इंफ्लूएंसर्स, यहां तक कि गेमर्स को भी अपने साथ जोड़ लिया है। इंफ्लूएंसर्स अपनी व्यापक पहुंच, और विविध जनसांख्यिकी, विशेषकर युवा लोगों से जुड़ने की क्षमता के कारण महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।

इंफ्लूएंसर्स और डिजिटल अभियान

जहां सभी पार्टियां आगामी चुनाव के लिए अपने डिजिटल अभियान तेज कर रही हैं, वहीं सत्तारूढ़ भाजपा इस मुहिम में सबसे आगे नजर आ रही है। डिजिटल अभियानों के लिए समर्पित अपने मजबूत सक्रिय आईटी सेल के साथ-साथ प्रभावशाली लोगों को शामिल करने से पार्टी को डिजिटल क्षेत्र में महत्वपूर्ण लाभ मिल रहा है।

मार्च 2024 में, लोकसभा चुनाव से ठीक एक महीने पहले, भारत की भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार ने 20 विविध श्रेणियों में उपलब्धियों को मान्यता देते हुए, National Creators Award (राष्ट्रीय रचनाकार पुरस्कार) की शुरुआत की। पुरस्कार पाने वालों में कई प्रमुख यूट्यूबर्स और सोशल मीडिया इंफ्लूएंसर्स शामिल थे। हालाँकि, पुरस्कारों को व्यापक आलोचना का सामना करना पड़ा क्योंकि अधिकांश पुरस्कार प्राप्तकर्ताओं का इतिहास भाजपा के एजेंडे को बढ़ावा देने और सरकार का समर्थन करने का था।

पत्रकार अक्षित चावला ने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर पोस्ट किया:

200,000 से अधिक इंस्टाग्राम फॉलोअर्स वाली 18 वर्षीय चांदनी भगत, जो पिछले तीन वर्षों से भक्तिपूर्ण वीडियो बना रही हैं, ने हाल ही में अपने दैनिक धर्म-केंद्रित इंस्टाग्राम रीलों में राजनीतिक विषयों को शामिल करना शुरू कर दिया है। अपनी रीलों में, वह अक्सर मध्य प्रदेश राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के साथ देखी जाती हैं। अनुभवी राजनेता और भाजपा के पूर्व राष्ट्रीय उपाध्यक्ष, चौहान ने राज्य में भाजपा के मजबूत प्रदर्शन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

डिजिटल अभियान के हिस्से के रूप में, भगत ने हाल ही में इंस्टाग्राम पर एक रील साझा की जिसमें लोगों से ग्रेगोरियन नव वर्ष के बजाय हिंदू नव वर्ष मनाने का आग्रह किया गया।

“नई इयर्स पर रातभर मैं पार्टी करने वाला नहीं हिन्दू नववर्ष पर मंदिर जाने वाला चाहिए”

We don't want a person who party till midnight on the new year but one who goes to temple on Hindu New Year

मैथिली ठाकुर एक प्रसिद्ध भारतीय लोक गायिका हैं जो अपनी भक्ति धुनों के लिए जानी जाती हैं। फेसबुक पर उनके 14 मिलियन और इंस्टाग्राम और यूट्यूब पर 4.5 मिलियन से अधिक फॉलोअर्स हैं। जब भारत के प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने अयोध्या में एक विवादास्पद हिंदू मंदिर के उद्घाटन के दौरान उनके भक्ति गीत को एक्स पर साझा किया, तो उन्होंने अपनी लोकप्रियता को नई ऊंचाइयों पर पहुंचते देखा। ठाकुर उन 24 प्रभावशाली लोगों में शामिल थीं, जिन्हें इस मार्च में राष्ट्रीय रचनाकार पुरस्कार से सम्मानित किया गया था, उन्होंने “एक आत्मविश्वासी, मुखर नए भारत के कहानीकारों” का जश्न मनाया और इस कार्यक्रम को अपने यूट्यूब चैनल पर साझा किया

हालाँकि, भाजपा की राजनीतिक पहुंच इंफ्लूएंसर्स तक फैली हुई है, क्योंकि प्रधान मंत्री ने हाल ही में देश के कुछ शीर्ष ऑनलाइन गेमर्स के साथ बैठक की थी। 2023 में गूगल और Lumicai द्वारा प्रकाशित “स्टेट ऑफ़ इंडिया गेमिंग रिपोर्ट” के अनुसार, देश में 568 मिलियन गेमर्स हैं, जिनमें से 50 प्रतिशत 18 से 30 आयु वर्ग के अंतर्गत आते हैं। यह जनसांख्यिकीय देश के युवाओं के साथ जुड़ने का एक आकर्षक अवसर प्रस्तुत करता है।

इन ऑनलाइन गेमर्स को इंस्टाग्राम और यूट्यूब जैसे प्लेटफार्मों पर लाखों फॉलोअर्स द्वारा फॉलो किया जाता है, जो अक्सर फॉलोअर्स की संख्या के मामले में प्रमुख खेल हस्तियों जैसी अन्य मशहूर हस्तियों को भी पीछे छोड़ देते हैं।

उदाहरण के लिए, गेमिंग की दुनिया में “मॉर्टल” के नाम से जाने जाने वाले नमन माथुर के यूट्यूब पर 7 मिलियन सब्सक्राइबर्स के अलावा इंस्टाग्राम पर 5.3 मिलियन फॉलोअर्स हैं, जो लोकप्रिय भारतीय क्रिकेटर रविचंद्रन अश्विन (4.7 मिलियन इंस्टाग्राम फॉलोअर्स) और ओलंपिक पदक विजेता पी वी सिंधु (3.7 मिलियन इंस्टाग्राम फॉलोअर्स) के फॉलोअर्स की संख्या को पार कर गए हैं।

हालाँकि इस बैठक को गेमिंग उद्योग के भीतर विकास के अवसरों का पता लगाने के लिए एक मंच का नाम दिया गया था, लेकिन यह स्पष्ट है कि यह एक चुनावी आउटरीच से ज्यादा कुछ नहीं है।

पीएम मोदी के साथ बैठक में भाग लेने वाली पायल धारे ने बातचीत का विवरण देते हुए इंस्टाग्राम पोस्ट की एक श्रृंखला साझा की।

मीम्स, कार्टून और लोकप्रिय संस्कृति

हालाँकि, ये डिजिटल अभियान इंफ्लूएंसर्स से परे हैं, कई राजनीतिक दल अपने एजेंडे को विभिन्न प्लेटफार्मों पर प्रसारित करने के लिए समर्पित आईटी टीमों को बनाए रखते हैं। कार्टून, मीम्स और ट्रोल राजनीतिक रूप से जागरूक मतदाताओं की नई पीढ़ी को शामिल करने के लिए उपयोग किए जाने वाले प्रमुख उपकरणों में से हैं।

हाल ही में अखिल भारतीय तृणमूल कांग्रेस ने एक्स पर एक वीडियो पोस्ट किया था जिसमें मोदी को एक निरंकुश नेता के रूप में दर्शाया गया था।

इसी तरह, असम के कैबिनेट मंत्री और प्रमुख भाजपा नेता, पिजुष हजारिका द्वारा फेसबुक पर एक वीडियो साझा किया गया था, जिसमें प्रतिद्वंद्वी कांग्रेस नेता और जोरहाट शहर की लोकसभा के लिए चुनाव उम्मीदवार गौरव गोगोई का मजाक उड़ाया गया था और उन्हें एक प्रवासी पक्षी कहा गया था। फेसबुक पोस्ट में इस्लामोफोबिया के तत्व भी शामिल हैं, जिसमें गौरव गोगोई को मुस्लिम पुरुषों के बीच इफ्तार और नमाज में भाग लेते हुए दिखाया गया है, जिससे यह संकेत मिलता है कि वह पूरी तरह से मुसलमानों के नेता हैं।

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को समर्पित एक प्रशंसक चैनल, “इंडिया वांट्स केजरीवाल” नामक एक यूट्यूब चैनल ने मंच पर एक वीडियो अपलोड किया। वीडियो में आरोप लगाया गया है कि मोदी और पार्टी के अन्य नेताओं को बैंक घोटालों और अपराधियों को सार्वजनिक संपत्तियों की अवैध बिक्री में फंसाया गया है।

जैसे-जैसे मतदान की तारीखें नजदीक आ रही हैं, सभी पार्टियां अपने डिजिटल अभियान को और तेज कर रही हैं। डिजिटल रूप से जुड़े भारत में, जो पहले से कहीं अधिक ऑनलाइन सक्रिय है, चुनावी परिदृश्य को आकार देने में इंटरनेट, सूचना, प्रौद्योगिकी और फैक्ट चेकिंग तक पहुंच महत्वपूर्ण होगी।

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