आलेख परिचय फिल्म

70 के दशक का पोलिश टीवी कार्टून आज के विज्ञान, प्रौद्योगिकी, इंजीनियरिंग और गणित की शिक्षा को बढ़ावा दे सकता है

70 के दशक में बनी एक पोलिश टीवी कार्टून श्रृंखला शिक्षकों को विज्ञान, प्रौद्योगिकी, इंजीनियरिंग व गणित बच्चों हेतु मज़ेदार बनाने में मदद सुझाती है।

भारतीय चुनावों में सेलिब्रिटी शक्ति

  15 अप्रैल 2009

बॉलीवुड सुपरस्टार सलमान खान मुम्बई की एक रैली में काँग्रेस के उम्मीदवार मिलिंद देवरा के लिये चुनाव प्रचार करते हुयेचित्र: अल ज़जीरा, क्रियेटिव कॉमंस लायसेंस के तहत प्रयुक्त भारतीय फिल्म कलाकारों और फिल्मकारों का समाज पर खासा प्रभाव रहता है और डैनी बॉयल ने अपनी फ़िल्म स्लमडॉग मिलियनेयर ने इसे...

भारत : वीडियो स्वयंसेवकों के जरिए सामुदायिक पत्रकारिता

  14 अक्टूबर 2008

भारत के गांवों और झुग्गी झोपड़ियों में रहने वालों की एक गैरलाभकारी संस्था ‘वीडियो स्वयंसेवक’ (वीडियो वालंटियर्स) है. यह संस्था उस तरह की वीडियो सामग्री बनाती है जो सीधे-सीधे उनके सामाजिक सारोकारों को प्रभावित करते हैं. सामाजिक समस्या उठाने वाले समाचार व घटना प्रधान वीडियो को यह संस्था समुदाय के...

ट्यूब एडवेंचर : यूट्यूब पर एक बहुभाषी, खोजी खेल

  3 अगस्त 2008

लोकप्रिय स्पैनी यूट्यूब चैनल पिनोफास ने एक नायाब परियोजना बनाई है:  यह साहसिक हीरो के एक जीवंत खेल के रूप में है जिसे यूट्यूब द्वारा हाल ही में जारी किए गए वीडियो भाष्य क्षमताओं, जिन्हें ट्यूब एडवेंचर कहा जाता है, का बख़ूबी इस्तेमाल करते हुए बनाया है.  ट्यूब एडवेंचर, में,...

फ्लिकर पर वीडियो : विरोध के तीख़े सुर

  16 अप्रैल 2008

अभी फ्लिकर वीडियो सेवा को चालू हुए सत्रह घंटे भी नहीं बीते हैं कि “फ्लिकर में कोई वीडियो नहीं चलेगी नहीं चलेगी ” नाम के फ्लिकर समूह में 5475 से अधिक सदस्य और 670 वस्तुएँ एकत्र हो चुके हैं. इससे भी ज्यादा आश्चर्यजनक यह है कि, “फ्लिकर में वीडियो हमें...

चक दे इंडिया

  29 सितम्बर 2007

पिछले महीने रिलीज हुई बॉलीवुड की फिल्म चक दे इंडिया ने भारतीयों के मानस पटल पर क्या जबरदस्त प्रभाव डाला. भारत में चक दे इंडिया को जादुई मंत्र की तरह लिया गया है और अब इस फिल्म को अपने पाठ्यक्रम में जोड़ने के बारे में बिजनेस स्कूलों में विचार हो...

बोस्निया व हर्जे़गोविना: “ज़िंदगी का लुत्फ लो” विडियो अभियान

अंतर्जाल पर नकारात्मक रवैये की बहुलता के बारे में बोस्निया ब्लॉग लिखता है, “गूगल या यूट्यूब पर साधारण सी खोज करें और आप को नतीजे मिलेंगे आतंकवादियों, युद्ध और जातिसंहार के बारे में”। पर “अच्छी चीज़ें” भी विद्यमान हैं और उनको दिखाना ही “एंजॉय लाईफ” यानि “ज़िंदगी का लुत्फ लो”...