Debashish is a Software Professional based at Pune, India। He had been blogging in English and Hindi since 2002। He founded India's first (and only) desi blog awards Indibloggies and the first Hindi blog aggregator Chittha Vishwa, Hindi webzine Nirantar and dabbles Hindi Podcast Podbharti. Debashish has also been a DMOZ editor and contributed towards localization of multiple softwares. He has also been instrumental in beginning initiatives like Buno Kahani, a group blog where various authors literally weave a story and Anugunj – a web event hosted in turn by Hindi bloggers – where various bloggers write on a given topic. He infrequently contributes to the Hindi Wikipedia and the Hindi Lingua project of Global Voices. [More details]
नवीनतम लेख Debashish Chakrabarty
पहले बांग्ला कॉमिक-स्ट्रिप सुपरहीरो के जनक नारायण देबनाथ का प्रथम पुण्यतिथी पर स्मरण
18 जनवरी, 2022 को, भारतीय कॉमिक निर्माता और चित्रकार नारायण देबनाथ का कोलकाता में 96 वर्ष की आयु में निधन हो गया था। आज पहली पुण्यतिथि पर स्मरण।
लातिनी अमेरिका की इन खुशनुमा परंपराओं के साथ नए साल का स्वागत करें
जानें पुराने साल को अलविदा कहने, जीवन का नया अध्याय शुरु करने हेतु लातिनी अमेरिका के कुछ मज़ेदार, अजीब व साहसिक रीति-रिवाजों के बारे में।
कलाकार की कल्पना की उड़ान से बांग्लादेश पहुंचे टिनटिन
एक बांग्लादेशी कार्टूनिस्ट फैन आर्ट "बांग्लादेश में टिनटिन" द्वारा "द एडवेंचर्स ऑफ टिनटिन" की पुरानी यादें ताजा कर रहे हैं, पर एक ट्विस्ट के साथ।
‘टूलकिट’ मामले में पर्यावरण कार्यकर्ता दिशा रवि की गिरफ्तारी की हो रही है व्यापक आलोचना
एक लेखक ने कहा, "किसानों के समर्थन में गूगल डॉक्स का संपादन अब इस देश में राजद्रोह है।"
मिलिये इन जापानी बौद्ध भिक्षु से, जो संगीत से कम करते हैं पीड़ा और तनाव
योगत्सु अकासाका पारंपरिक बौद्ध सूत्रों और बीटबॉक्सिंग के संगम से रचते हैं संगीत।
लॉकडाउन में फंसे रूसी, इंटरनेट पर (पुनः)निर्मित कर रहे हैं प्रसिद्ध कलाकृतियां
रूस में Izoizolyatsiya फोटोचैलेंज एक जुनून बन गया है। लोग घरेलू चीजों से प्रसिद्ध कलाकृतियों को फिर बना रहे हैं, मज़ेदार व विचित्र तरीकों से।
कोविड-19 लॉकडाउन के दौरान पक्षियों की वापसी बनी वन्यजीव फोटोग्राफरों के लिए वरदान
तालाबंदी के सप्ताह ने प्रदूषण व मानवीय हस्तक्षेप में कमी के कारण पक्षियों के लिए अनुकूल वातावरण तैयार कर दिया है।
तंजानिया में नकली दवाओं के खिलाफ जंग के नये हथियार बने हैं ऑनलाइन प्लेटफॉर्म
दार अस सलाम के एक दवासाज हवा डागा का मानना है कि नए ऑनलाइन सिस्टम से दवा उत्पादों को ट्रैक करने में मदद मिलेगी।
जब महात्मा गांधी ने म्यांमार में अहिंसात्मक क्रांति का प्रचार किया
"मेरे पास आपको देने हेतु और कोई मार्गदर्शन नहीं है कि आप अपना ध्यान अहिंसा के सामान्य सिद्धांत पर यानी आत्म-शुद्धि पर लगायें। "
एक भारतीय प्राध्यापक बना रहे हैं प्लास्टिक कचरे से टिकाऊ सड़कें
प्रो. वासुदेवन ने देश में प्लास्टिक कचरे की बढ़ती समस्या देखकर ऐसी विधि की खोज की जिससे रीसायकल्ड प्लास्टिक कचरे से सड़कें बनायी जा सकें।