कोविड-19 लॉकडाउन के दौरान पक्षियों की वापसी बनी वन्यजीव फोटोग्राफरों के लिए वरदान

काला बुलबुल (बुलबुली) का एक जोड़ा. छायाः मीरा ढकाल, पूर्वानुमति से प्रकाशित

अपने अपेक्षाकृत छोटे आकार के बावजूद, नेपाल दुनिया भर में पाए जाने वाले कुल पक्षी प्रजातियों का लगभग 9% समेटे हुए है। पक्षी संरक्षण नेपाल के अनुसार, देश में पक्षियों की 886 प्रजातियां दर्ज की गई हैं।

जबकि नेपाल के पक्षियों की संख्या आवास के नुकसान और जलवायु परिवर्तन के अन्य कारकों के प्रभाव के कारण घट रही है, कोविड-19 के प्रतिबंधों से प्रदूषण में कमी हुई है और पक्षियों के लिए अनुकूल वातावरण तैयार हुआ है। अध्ययनों के अनुसार, लॉकडाउन का समय कई शहरी पक्षियों के प्रजनन ऋतु के साथ मेल खाता है, और शौकिया और पेशेवर, दोनों ही किस्म के फोटोग्राफर अपने कैमरों में प्रेमालाप के इन दृश्यों को कैद कर साझा कर रहे हैं।

एक शौकिया फोटोग्राफर मीरा ढकाल अपनी तस्वीरें ट्विटर पर हैशटैग #TheJoyOfSmallThings द्वारा साझा करती हैं। अपनी माँ के फोटो स्टूडियो में, उनकी छायाकारी के कौशल से प्रेरित होकर, मीरा ने पाँच साल पूर्व अपने कैमरे में पक्षियों को कैद करना शुरू किया।

ग्लोबल वॉयसेज़ के लेखक संजीब चौधरी के साथ एक ईमेल बातचीत में, ढकाल ने कहा:

When I click birds, I feel as beautiful and as free as birds. […] When I started bird photography, I started seeing bird everywhere and listening to them every now and then. I can notice beautiful birds and their nests even from a moving vehicle. […] Birds are lively, they are intense and they create such a joy.

जब मैं पक्षियों का चित्र खींचती हूं, तो खुद को पक्षियों की ही भांति सुंदर और मुक्त महसूस करने लगती हूं। […] जब मैंने बर्ड फ़ोटोग्राफ़ी शुरू की, तो मुझे हर जगह पक्षी दिखने लगे, उनका कलरव सुनाई देने लगा। मैं एक चलती गाड़ी से भी सुंदर पक्षियों और उनके घोंसलों को देख पाती हूं। […] पक्षी जीवंत होते हैं, वे तीव्र होते हैं और वे हमें अनोखा आनंद देते हैं।

प्रस्तुत हैं ढकाल के खींचे पक्षियों के कुछ चित्रः

ढकाल अब तक ब्लू व्हिस्लिंग थ्रश (पहाड़ी कस्तूरा) की तस्वीर नहीं ले पाई हैं, हालांकि उन्होंने कई बार कोशिश की। कस्तूरा अपनी मधुर सीटी जैसी आवाज से पहचाना जाता है। हालांकि, इस पक्षी का सौंदर्य लॉकडाउन के दौरान ढकाल के आंगन में दिखाई दिया।. छायाः मीरा ढकाल, पूर्वानुमति से प्रकाशित

कोयल की कूक वसंत के आगमन की घोषणा करती है। एशियाई कोयल की एक जोड़ी। छायाः मीरा ढकाल, पूर्वानुमति से प्रकाशित

नेपाल में लोग अपने घरों में स्वैलो (अबाबील), मार्टिन, और स्विफ्ट (बतासी) पक्षियों को घोंसले बनाने देते हैं। अबाबील और गौरैया एक साथ डाल पर बैठे। छायाः मीरा ढकाल, पूर्वानुमति से प्रकाशित

आम हरे रंग की मैग्पाई (मैना). छायाः मीरा ढकाल, पूर्वानुमति से प्रकाशित

आम दर्जिन चिड़िया. छायाः मीरा ढकाल, पूर्वानुमति से प्रकाशित

ग्रेट बार्बेट (हरा बंसता/हरा बंसल). छायाः मीरा ढकाल, पूर्वानुमति से प्रकाशित

ओरियेंटल मैग्पाई रॉबिन (दहियर/काली सुई चिड़िया). छायाः मीरा ढकाल, पूर्वानुमति से प्रकाशित

ओरियेंटल व्हाईट आई (बबूना). छायाः मीरा ढकाल, पूर्वानुमति से प्रकाशित

हिमालयाई बुलबुल की एक जोड़ी. छायाः मीरा ढकाल, पूर्वानुमति से प्रकाशित

व्हाईट थ्रोटेड किंगफिशर (किलकिला). छायाः मीरा ढकाल, पूर्वानुमति से प्रकाशित

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