मालद्वीव उन देशों में की सूची में उपर है जहाँ की सरकारे धार्मिक स्वतंत्रता नहीं देती हैं। मालद्वीव के नागरिकों का मुस्लमान होना आवश्यक है और वे इस्लाम के अलावे किसी और धर्म को नहीं अपना सकते। गैर मुस्लमान विदेशी वोट नहीं कर सकते, सार्वजनिक रूप से पूजा नहीं कर सकते, नागरिकता नहीं हासिल सकते और किसी सरकारी ओहदे पर काबिज़ नहीं हो सकते।
पत्रकार हिल्थ रशीद बताते हैं कि मालद्वीव में शायद अगले 50 वर्षों तक धार्मिक स्वतंत्रता नहीं मिल सकती जबतक की नई पीढ़ी के मालद्वीव के नागरिकों के विचारों में परिवर्तन नहीं होता है।