पिछले महीने बहुत से अरबी चिट्ठाकारों ने बारीकी से पड़ताल की कि उनके चिट्ठे कौन पढ़ते हैं और कहां से, कैसे, किस विधि से पढ़ने के लिए आते हैं. इस बारे में बहरीन, सऊदी अरब, लेबनान तथा मिस्र के चिट्ठाकारों का क्या कहना है यह हम इस छोटी सी समीक्षा में देखने की कोशिश करते हैं.
बहरीन:
सिली बहरीनी गर्ल ने जब अपने चिट्ठे के पाठकों के आवाजाही आंकड़ों को देखा तो असभ्य अरबी लोगों पर वह एक तरह से अपने चिट्ठे पर बरस पड़ीं.
वे स्पष्ट करती हैं:
यह बात हम अरबी लोगों के लिए, जिसमें मैं भी शामिल हूं, वाकई शर्मनाक है कि हमें इंटरनेट की सुविधा मिली हुई है .
अपनी जिज्ञासा शांत करने के लिए व्यक्ति किसी बिल्ली को भी मार कर देख सकता है, परंतु यहाँ इंटरनेट पर तो स्थिति और भी गंभीर है. यहाँ तो लोगों की शब्दावलियाँ वास्तविक रंगीनियों से भरी हैं. मैंने सिर्फ ये देखने की कोशिश की कि लोग किन शब्दों को खोजते हुए मेरे चिट्ठे पर आते हैं, और परिणाम ये रहे. ये 250 शीर्ष के कुंजीशब्द हैं जिन्हें इंटरनेट सर्च पर प्रयोग कर पाठक मेरे चिट्ठे पर पहुँचे. इससे तो एक बारगी मुझे ऐसा लगने लगा कि क्यों न मैं अपनी सेंडल उतार कर फेंक दूं और एक वैश्यालय खोल लूं. मैं आखिर चिट्ठाकारी क्यों कर रही हूं, चिट्ठाकारिता को क्यों प्रमोट कर रही हूं और लोगों को क्यों ये बताती फिरती हूं कि चिट्ठे उन्हें अपनी अभिव्यक्ति को प्रकट करने का शसक्त माध्यम प्रदान कर रहे हैं?
इसके बाद वे उन 250 शब्दों की सूची प्रस्तुत करती हैं जिनके जरिए पाठक उनके चिट्ठे पर पहुँचे.
सऊदी अरब :
सऊदी अरब की अमरीकन बेदू अपने चिट्ठे पर आने वाले पाठकों के बारे में अपने विचारों को कुछ यूं साझा करती हैं :
सऊदी राज्य के दैनिंदनी अनुभवों को साझा करने के अतिरिक्त मैं अपने चिट्ठे पर शब्दों के जरिए सर्च कर आने वाले पाठकों पर भी ध्यान रखती हूं. ब्लॉगिंग प्लेटफ़ॉर्म के लिए वर्डप्रेस का प्रयोग करने वालों के लिए यह एक बहुत बड़ी सुविधा है, जिसे मेरे जैसे गैर तकनीकी लोग भी आसानी से प्रयोग और प्रबंधित कर सकते हैं. यह आपको आपके चिट्ठा पाठकों के दैनिक, साप्ताहिक, मासिक तथा वार्षिक आंकड़े देता है. इससे ये तो पता चलता ही है कि नित्य कितने पाठकों ने आपके चिट्ठे को पढ़ा बल्कि ये भी कि वे कौन सी पोस्टें पढ़ते हैं. जैसा कि मैंने शुरूआत में बताया है, मुझे नित्य के खोजे गए शब्दों की सूची भी मिलती है जिनके जरिए मेरे चिट्ठों पर पाठक पहुंचते हैं. इन शब्दों की समीक्षा करने पर कभी कभी मुझे ये लगता है कि जो शब्द पाठकों को आकर्षित कर रहे हैं और जिनके लिए वे खोजबीन कर रहे हैं उन पर पोस्ट लिखा जाना चाहिए तो मैं लिखती भी हूं. और कभी कभी किन्हीं खोजे गए शब्दों को देख कर ये भी लगता है कि सर्च इंजिनों ने इन शब्दों में ऐसा क्या पाया कि उन्होंने पाठकों को मेरे चिट्ठे पर भेज दिया!
लेबनान:
जब लेबनानी चिट्ठाकार एंटोउन को यह पता चला कि उनके चिट्ठे के कोई 20 प्रतिशत पाठक लेबनानी पॉप स्टार हाइफ़ा वेहबे के ऊपर लिखे गए चिट्ठे के कारण आकर्षित हुए तो उन्होंने ईंट का जवाब पत्थर से देने की ठानी और अपने चिट्ठे पर लेबनान के हॉट स्टारों के और चित्रों को पोस्ट किया. वे स्पष्ट करते हैं:
मैंने यह पाया है कि कम से कम 20 प्रतिशत हिट्स जो मेरे चिट्ठे को मिलते हैं वो कामुक व्यक्तियों (पुरुषों, तथा कुछ मात्रा में स्त्रियों ) के होते हैं जो हाइफ़ा वेहबे के चित्रों के लिए सर्च करते हुए आते हैं. पिछले सप्ताह मैंने हाइफ़ा वेहबे तथा राजनीतिक इस्लाम के बारे में एक पोस्ट लिखा था. मैं आपको बताता हूँ कि इस चिट्ठे पर गूगल के जरिए खोज कर आने वाले इन कामुकों ने खोज के लिए किन शब्दों का प्रयोग किया था:
* हाइफ़ा वाहबी, सेक्स
* f****d हाइफ़ा वेहबे के चित्र
* हाइफ़ा के अच्छे फोटो
* चित्र सेक्स हाइफ़ाअब आपको अंदाजा हो गया होगा. तो फिर मैंने क्या किया. मैंने लेबनान और इसकी क्षेत्रीयता की समस्याओं के बारे में गंभीरता से चर्चा करने के बजाए अपने चिट्ठे पर मैंने हाइफ़ा के और ढेर सारे चित्र लोड कर दिए. मैंने नैंसी अजराम तथा एलिसा के चित्र भी अपने चिट्ठे में टांग दिए. अब कम से कम हाइफ़ा+वेहबे+सेक्स ढूंढने वालों को मेरे चिट्ठे से निराश नहीं होना पड़ेगा. कभी कभी आपूर्ति भी आवश्यकता को न्यायोचित बनाती है. यदि मैं कुछ पाठकों को आकर्षित कर पाता हूं तो संभवतः वे कुछ देर मेरे चिट्ठे पर रुकें, देखें और, ब्राउज़िंग के दौरान, हो सकता है एकाध गंभीर विषय को पढ़ भी लें.
मिस्र:
मिस्र के डी बी शोब्रावे ने भी पड़ताल किया कि उनके चिट्ठे की कौन सी चीजें पाठकों को खींच लाती हैं. और जब उन्होंने पाया कि उनका अब तक का सबसे बढ़िया ‘डेलिसियस’ पोस्ट लोगों की निगाहों में नहीं चढ़ा तो उन्होंने इसे फिर से प्रकाशित करने का निर्णय लिया. शोब्रावे अपने इस कदम को कुछ यूं स्पष्ट करते हैं:
यदा कदा मैं अपने साइट के पाठकों के आवाजाही के आंकड़ों पर नजर मारता हूँ और यह समझने की कोशिश करता हूँ कि वे क्या पढ़ना चाहते हैं और वे किस विधि से मेरी साइट पर आए. आज मैंने देखा तो पाया कि ताजातरीन पोस्टों हमस तथा फालाफेल के युद्ध, हॉट मिस्री लड़कियाँ तथा हिलेरी क्लिंटन और बराक ओबामा के बारे में लिखे मेरे सभी पोस्टों को तो लोग पढ़ रहे हैं, परंतु मेरे पसंदीदा पोस्ट पर न तो सर्च इंजिन का और न ही लोगों का ध्यान गया है. और वह पोस्ट तो मेरा सबसे बढ़िया पोस्ट है, यह मैं कह सकता हूं. मैंने आज इसे फिर से पढ़ा तो लगा कि इसे किसी और ने लिखा है और यह वाकई लाजवाब है. तो मैं इसे फिर से पोस्ट कर रहा हूँ ताकि जिनसे छूट गया हो वे पढ़ सकें.
2 टिप्पणियाँ
सुंदरतम। शानदार। अनुवादक द्वय बधाई के पात्र हैं।
बहुत उत्साहजनक सूचनायें नहीं हैं. सेक्स के भूक्खड़ों का भगवान भला करे..