आलेख परिचय तकनलाजी

फ्लिकर पर वीडियो : विरोध के तीख़े सुर

  16 अप्रैल 2008

अभी फ्लिकर वीडियो सेवा को चालू हुए सत्रह घंटे भी नहीं बीते हैं कि “फ्लिकर में कोई वीडियो नहीं चलेगी नहीं चलेगी ” नाम के फ्लिकर समूह में 5475 से अधिक सदस्य और 670 वस्तुएँ एकत्र हो चुके हैं. इससे भी ज्यादा आश्चर्यजनक यह है कि, “फ्लिकर में वीडियो हमें...

रूसः एसयूपी और लाईवजर्नल

  7 दिसम्बर 2007

रोपर्ट एमस्टर्डम ब्लॉग लाईवजर्नल को हाल में खरीदने वाली कंपनी एसयूपी के निदेशक से सीएमएस वायर द्वारा लिये साक्षात्कार की निंदा करते हुये लिखता है, “रिपोर्टर ने बड़े नर्म सवाल पूछे और खास मुद्दों पर कोई पूछताछ नहीं की, मसलन अगर सुरक्षा एंजेसियाँ खास चिट्ठाकारों की व्यक्तिगत जानकारी चाहे तो...

स्लोवेनियाः जिसे अक्सर भुला दिया जाता है

  5 दिसम्बर 2007

“अगले 28 दिनों में स्लोवेनिया को अगले 6 महीनों के लिये यूरोपियन यूनियन के राष्ट्रपति की जिम्मेवारी मिलने वाली है और यह पहला ऐसा मौका है क्योंकि स्लोवेनिया कुछ 1300 दिन पहले ही यूरोपियन यूनियन का सदस्य बना है। तो समय है इस अक्सर भुला दिये जाते देश के बारे...

ब्राज़ीलः चिट्ठाकार ही करतें हैं बहस शुरु

  23 नवम्बर 2007

एमलॉग एक समाचार के बारे में बता रहे हैं जिसमें ये रपट दी गई है कि ब्राज़ीलियाई इंटरनेट पर होने वाली बहसों का एक तिहाई हिस्सा ब्लॉगमंडल से ही शुरु होता है। “तर्क देने के अलावा जब वे ब्राँड या उपभोग के रुख के बारे में के बारे में लिखते...

ब्राज़ील: इंटरनेट बिना सब सूना

  18 नवम्बर 2007

मंगलवार से बिना इंटरनेट जी रहीं और साइबरकैफे से ब्लॉगिंग कर रही गैबरीला ज़ागो ब्राज़ीलियाई टेलिकॉम सेवा को अब तक की सबसे खराब सेवा करार देती हैं, “उन्होंने हमें फोन से इत्तला दी केबल चोरी हो गये हैं और अगले दिन समस्या को सुलझा लिया जायेगा, जबकि अगले दिन यानि...

द बॉब्स: और विजेता हैं…

आपने बेचैनी से इंतज़ार किया। अपने कंप्यूटर पर डटे रहे। और शायद आप बर्लिन की उड़ान भी भर आये, जी हाँ बर्लिन में ही दायचे वेले द्वारा आयोजित और ग्लोबल वॉयसेज़ द्वारा सह प्रायोजित द बॉब्स यानि बेस्ट आफ ब्लॉग्स प्रतियोगिता 15 नवंबर को संपन्न हुई। इस साल की विजेता...

पाकिस्तान में आपातकालः खबरों व इंटरनेट पर रोक

  4 नवम्बर 2007

राष्ट्रपति मुशर्रफ ने पाकिस्तान में आपातकाल की घोषणा कर दी है। खबरों के मुताबिक और चीज़ों के अलावा इसका मतलब है कि “नागरिकों के मौलिक अधिकार अब निरस्त किये जा चुके हैं, सभी खबरों के चैनलों पर रोक लगा दी गई है और मोबाइल फोन तथा इंटरनेट कनेक्शन जैम किये...

ग्यूटेमाला: घर की याद आती है

  30 अक्टूबर 2007

ग्यूटेमाला में आंतरिक या बाहरी देशों को देशान्तरण आम बात है। संघर्ष और गंभीर गरीबी व हिंसा के सालों में अनेको ग्यूटेमालाई लोगों ने पाया कि उनके देश में अब संभावनायें नहीं बची हैं। नतीजतन असंख्य लोगों ने जीने के अन्य मौकों की तलाश में और अपने जीवन की गुणवत्ता सुधारने के लिये अपना घर छोड़ कर राजधानी या उत्तर की ओर रुख किया। निःसंदेह अपने परिवार व दोस्तों और अपने घर से दूर रहने को मजबूर कईयों की जिंदगी में अभूतपूर्व बदलाव भी आये।