Ravishankar Shrivastava · अक्टूबर, 2007

नवीनतम लेख Ravishankar Shrivastava से अक्टूबर, 2007

उत्सव, दावत और मुस्कुराहटों का दान

बीते शनिवार को तमाम विश्व के मुसलमानों ने रमजान की समाप्ति पर ईद-उल-फित्र का त्यौहार मनाया. चेन्नई के चिट्ठाकार अबुल कलाम अपना अनुभव बांट रहे हैं. उनके उत्साहित बच्चे अपने दोस्तों व पड़ोसियों को मिठाइयाँ बांट रहे हैं. उनकी सबसे छोटी पुत्री अपने गैर-मुसलिम दोस्तों की सहायता से रमजान के बारे में एक विस्तृत प्रोजेक्ट तैयार कर रही है. आजाद सोच रहे हैं कि किसी दिन उनकी बेटी जरूर ही अपने दोस्तों के साथ मिल कर इसी तरह के प्रोजेक्ट, दीपावली पर काम करेगी.

16 अक्टूबर 2007

जापान: सुमो कुश्ती पर संकट के बादल

जापान के “राष्ट्रीय खेल” – सुमो कुश्ती के लिए यह महीना कुछ अच्छा नहीं रहा. सबसे पहले तो मंगोलियाई पहलवान असाशोरयू, दो योकोजुना (शीर्ष क्रम की कुश्ती कक्षा) में से...

10 अक्टूबर 2007

अरबी : आपका धर्म क्या है?

कुछ अरब देशों में दफ़्तरशाही जीवन का अभिन्न अंग है. मिस्र के चिट्ठाकार नोरा यूनिस ने हमें दिखाया है कि जब दफ़्तरशाही के कामकाज धार्मिकता के साथ जुड़ते हैं तब क्या हो जाता है. इस पोस्ट में मैंने अरबी से अनुवाद किया है.

6 अक्टूबर 2007

हिन्दी : क्रिकेटिया माहौल और एक शहीद की याद

24 सितम्बर की शाम को दिल्ली में खुशियों का सैलाब तब बह निकला जब श्रीसंथ ने मिशाब-उल-हक का वो कैच पकड़ा जिसने भारत को पहले ट्वेंटी20 विश्वकप में शानदार जीत...

1 अक्टूबर 2007