Ravishankar Shrivastava · अप्रैल, 2008

नवीनतम लेख Ravishankar Shrivastava से अप्रैल, 2008

जापान : यौन दासियों की लंबित मांगों पर ध्यान खींचते वीडियो

द्वितीय विश्व युद्ध के समाप्त होने के साठ साल से अधिक बीत जाने के बाद भी जापानी सेना के आदेशों के तहत अपहृत की गई स्त्रियाँ अब भी न्याय की...

23 अप्रैल 2008

फ्लिकर पर वीडियो : विरोध के तीख़े सुर

अभी फ्लिकर वीडियो सेवा को चालू हुए सत्रह घंटे भी नहीं बीते हैं कि “फ्लिकर में कोई वीडियो नहीं चलेगी नहीं चलेगी ” नाम के फ्लिकर समूह में 5475 से...

16 अप्रैल 2008

भारत : ओलंपिक मशाल और तिब्बत

लगता है लोगों के दिलो-दिमाग से तिब्बत का निकल पाना मुश्किल है. भारत की आभासी दुनिया में इसे न सिर्फ जनता का जबर्दस्त समर्थन हासिल हो रहा है, बल्कि तिब्बत...

7 अप्रैल 2008

बहरीन : अनेकता में बनी हुई सौहार्द्रता

सैकड़ों वर्षों से बहरीन शान्ति का स्वर्गस्थल बना हुआ है जहां तमाम वर्ण, जाति, और धर्म के लोग भाईचारे के साथ रहते आए हैं. राजधानी मनामा के रहने वाले बहरीनी चिट्ठाकार क्राइस्ट ब्लड (अरबी) अपने पड़ोस के एक ऐसे स्थल के बारे में बता रहे हैं जो जाति और धर्मगत विभिन्नताओं के मध्य आपसी सामंजस्य और सौहार्द्र का वास्तविक प्रतीक स्वरूप है.

4 अप्रैल 2008