Debashish Chakrabarty · नवम्बर, 2007

नवीनतम लेख Debashish Chakrabarty से नवम्बर, 2007

द बॉब्स: और विजेता हैं…

आपने बेचैनी से इंतज़ार किया। अपने कंप्यूटर पर डटे रहे। और शायद आप बर्लिन की उड़ान भी भर आये, जी हाँ बर्लिन में ही दायचे वेले द्वारा आयोजित और ग्लोबल वॉयसेज़ द्वारा सह प्रायोजित द बॉब्स यानि बेस्ट आफ ब्लॉग्स प्रतियोगिता 15 नवंबर को संपन्न हुई। इस साल की विजेता...

रूस: मदिरा में लिप्त

विंडो आन यूरेशिया के मुताबिक रूसी विश्व स्वास्थ्य संस्था द्वारा खतरनाक घोषित सीमा से तीन गुना ज्यादा शराब पीते हैं और अमरीकियों की तुलना में आठ गुना ज़्यादा।

भारतः टॉयलेट नक्को

  4 नवम्बर 2007

इंडिया डेली विवरण दे रहा है कि किस तरह 80 फीसदी भारतीय बिना शौचालय के काम चलाते हैं। ज़िक्र करने का मौका भी दुरुस्त है क्योंकि इसी हफ्ते भारत में सातवाँ विश्व शौचालय महासम्मलेन भी आयोजित हो रहा है।

पाकिस्तान में आपातकालः खबरों व इंटरनेट पर रोक

  4 नवम्बर 2007

राष्ट्रपति मुशर्रफ ने पाकिस्तान में आपातकाल की घोषणा कर दी है। खबरों के मुताबिक और चीज़ों के अलावा इसका मतलब है कि “नागरिकों के मौलिक अधिकार अब निरस्त किये जा चुके हैं, सभी खबरों के चैनलों पर रोक लगा दी गई है और मोबाइल फोन तथा इंटरनेट कनेक्शन जैम किये...

उज़बेकिस्तान: पुरातन कृषि

जोशुआ फाउस्ट रपट दे रहे हैं कि लंदन स्थित उज़बेकिस्तानी दूतावास ने नाराज़ शब्दों में उन खबरों का खंडन किया है जिनमें ये आरोप लगाये गये थे कि वहाँ कपास चुनने के लिये बच्चों का इस्तेमाल होता है या उन्हें इस काम के लिये मजबूर किया जाता है। दूतावास ने...

आर्मीनियाः खुला पत्र

तुर्की लेखक व चिट्ठाकार मुस्तफा अक्योल की आर्मीनियाई जातिसंहार विषय पर आप्रवासी आर्मीनियाई को लिखे खुले पत्र का जवाब “लाईफ इन आर्मीनिया” चिट्ठे के लेखक रफी ने तुर्की नागरिकों को लिखे अपने खुले पत्र से दिया है। 1915 से 1917 के बीच हुई घटनाओं को जातिसंहर का दर्जा देते हुये...

Debashish Chakrabarty का पन्ना

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