मालद्वीव उन देशों में की सूची में उपर है जहाँ की सरकारे धार्मिक स्वतंत्रता नहीं देती हैं। [1] मालद्वीव के नागरिकों का मुस्लमान होना आवश्यक है और वे इस्लाम के अलावे किसी और धर्म को नहीं अपना सकते। गैर मुस्लमान विदेशी [2] वोट नहीं कर सकते, सार्वजनिक रूप से पूजा नहीं कर सकते, नागरिकता नहीं हासिल सकते और किसी सरकारी ओहदे पर काबिज़ नहीं हो सकते।
पत्रकार हिल्थ रशीद [3] बताते हैं कि मालद्वीव में शायद अगले 50 वर्षों तक धार्मिक स्वतंत्रता नहीं मिल सकती जबतक की नई पीढ़ी के मालद्वीव के नागरिकों के विचारों में परिवर्तन नहीं होता है।