मनीस दत्ता [1], जो ईडीजीई फेलो हैं, बंग्लादेश में दक्षिण एशिया के नदीओं में रहने वाली सॅूस(डॉल्फिन) को अनेक खतरों से बचाने के लिेए काम कर रहे हैं। एक ब्लौग में वे स्पष्ट करते हैं कि समुद्रतट पर रहने वाले लोगों का एक बड़ा हिस्सा यह नहीं जानता है कि यह सॅूस की एक प्रजाती है और इसे मछली की तरह मारना या इसका उपभोग नहीं करना है।
बंग्लादेश में दक्षिण एशिया के सॅूस का संरक्षण
· लेखक Rezwan अनुवादक Ravinandan Sahay
विभाग: दक्षिण एशिया, बांग्लादेश, नागरिक मीडिया, पर्यावरण, मानवीय प्रतिक्रिया