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श्रीलंकाः आर्थर सी क्लार्क की याद

विभाग: दक्षिण एशिया, श्रीलंका, विज्ञान, साहित्य

आर्थर सी क्लार्क [1] (1917 – 2008) के निधन के बाद विज्ञान कथा के उत्कट पाठकों और क्लार्क के संपर्क में आये अनेक लोगों ने चिट्ठों में अपने विचार लिखे हैं। श्रीलंकाई ब्लॉगर एक स्वप्नदर्शी और भविष्यवादी के रूप में उन्हें प्रेमपूर्वक याद कर रहे हैं। क्लार्क अंग्रेज़ थे पर 1956 से श्रीलंका में ही निवास कर रहे थे।

Arthur C Clark

वर्ड्स आफ अमरुवन [2] के लेखक बताते हैं कि कैसे क्लार्क के लेखन से वे विज्ञान कथा के प्यार में पड़ गयेः

सर आर्थर क्लार्क के कारण ही विज्ञान कथा से मेरा अनुराग हुआ। जब मैं दस बरस का था तब पहली बार उनकी प्रसिद्ध लघुकथा “द सेंटिनल “पढ़ी। और फिर तो मुझे उनकी कृतियाँ पढ़ने की लत ही पड़ गई। और ये आसान न था। सर आर्थर बहुसर्जनात्मक लेखक थे, असंख्य निबंधों और लघुकथाओं के अलावा सौ से ज्यादा किताबें उन्होंने लिखी थी। विकीपीडिया पर भी उनकी पुस्तकों की सूची आंशिक ही है। उनकी खासियत यह थी कि भले ही उनकी कथाओं में आला दर्जे का विज्ञान होता था, उनका लेखन बेहद सरल, मनोरंजक और प्रभावी था। उनकी कहानियाँ विज्ञान से ज्यादा कहानी के बारे में ही होती थीं।

भारत से अल्ट्राब्राउन [3] लिखते हैं

उनकी लिखी सुंदर और मार्मिक लघुकथा “डॉग स्टार“, जो कि चंद्रमा स्थित औबसर्वेटरी पर रहने के लिये रवाना होते समय अपने प्यारे कुत्ते से बिछुड़ते एक आस्ट्रोनॉट के बारे में थी, ने मेरी आँखों को पहली बार नम किया।