“मुझे इस बात का कारण समझ नहीं आता कि इज़्राइल अरब या किसी भी अन्य इस्लामी देश के पास अपना परमाणु कार्यक्रम होने की बात पर इतना खौफ़जदा रहे। मुझे कोई तार्किक कारण नहीं नज़र आता जो इज़्राइली कर रहे हैं चाहे हो इरान के खिलाफ विश्व को बरगलाने की बात हो या मिस्र या KSA की शांतिपूर्ण परमाणु कार्यक्रम शुरु करने की घोषणा करने पर निंदा हो।”, मिस्र की चिट्ठाकार जेनोबिया लिखती हैं [1]।
मिस्र: क्या इज़्राइल भयभीत है?
· लेखक Amira Al Hussaini अनुवादक Debashish Chakrabarty
विभाग: मध्य पूर्व व उत्तरी अफ्रीका, इजराइल, इरान, मिस्र, सऊदी अरब, अंतरराष्ट्रीय संबंध, पर्यावरण