जोशुआ फाउस्ट रपट दे रहे हैं [1]कि लंदन स्थित उज़बेकिस्तानी दूतावास ने नाराज़ शब्दों में उन खबरों का खंडन किया है जिनमें ये आरोप लगाये गये थे कि वहाँ कपास चुनने के लिये बच्चों का इस्तेमाल होता है या उन्हें इस काम के लिये मजबूर किया जाता है। दूतावास ने स्पष्ट किया कि सत्तावाद की बपौती के रूप में मिली प्राकृतिक आपदा, अक्षमता और मासूमों का शोषण उनके मुल्क की प्रगति की राह में सबसे बड़ा रोड़ा है।
उज़बेकिस्तान: पुरातन कृषि
· लेखक Adil Nurmakov अनुवादक Debashish Chakrabarty
विभाग: मध्य एशिया और कोकेशिया, उज़्बेकिस्तान, मानवीय प्रतिक्रिया