जो लोग बांग्लादेश की क्रिकेट पर टीम दया दृष्टि डालते हुए अब तक उसे ‘छोटा बच्चा’ मानते रहे हैं, अब उनके पैर उनके ही मुँह के भीतर हैं. अब जबकि बांग्लादेश की टीम आईसीसी ट्वेंटी20 विश्वकप टूर्नामेंट में वेस्टइंडीज को शानदार छः विकेटों से हराकर द्वितीय चरण में धमाके के साथ पहुँच गई है तो बांग्ला चिट्ठाकार भी आनंदित हैं और वे अपनी खुशियाँ अपने चिट्ठों के जरिए व्यक्त कर रहे हैं.
चिट्ठाकार अरशद बादशाह तथा बहुत से अन्य इस बात से रोमांचित हैं कि बांग्लादेश की घरेलू टीम ने कैरिबियाई खिलाड़ियों को हराकर इतिहास रचा है. पगला बाबू ने बांग्लादेशी टीम के ‘सुपर आठ’ में पहुँचने पर टीम को बधाई दी है.
मुस्तफ़ा मुनीर ने आफ़ताब-अशरफुल की जोड़ी की जमकर प्रशंसा की है. इनका मानना है कि अंततः इन दोनों खिलाड़ियों ने अपनी खरी क्षमताओं को प्रदर्शित किया है. लुतफुर रहमान हमें ब्रायन लारा के पहले के बयान को याद दिलाते हैं. सन् 2004 में ब्रायन लारा ने कहा था कि यदि उनकी टीम बांगलादेश से हार जाती है तो वे क्रिकेट खेलना छोड़ देंगे. रहमान को अंदेशा है कि क्या लारा ने दीवार पर लिखी उस इबारत को पढ़ा भी है और क्या लारा ने कभी यह कल्पना की थी कि किसी दिन सचमुच उनकी टीम इन बाघ के बच्चों के सामने घुटने टेक देगी.
बांग्लादेश के उत्सव मनाने के एक और कारण की ओर चिट्ठाकार निंदुक इंगित करते हैं. अंतर्राष्ट्रीय ट्वेंटी20 मैच में तीव्रतम 50 रन ( 20 गेंदों में) बनाने का रेकॉर्ड अब बांगलादेश की टीम के अशरफुल के पास है.