अरब देश: रमजान के लिए उलटी गिनती शुरू

मुसलमानी कैलेण्डर में रमजान एक पवित्र महीना है जिसे सभी मुसलिम देशों में उत्सव के रूप में मनाया जाता है. चार सप्ताह के उपवास के बाद  ईद का पवित्र पर्व हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है. इस पूरे महीने में मुसलमानों के लिए आवश्यक होता  है कि वे सूर्योदय तथा सूर्यास्त के बीच के समय में खाना, पीना बंद रखें तथा सेक्स व ‘अशुद्ध’ विचारों से अपने को दूर रखें.
चिट्ठाकार इस महीने के लिए किस तरह से तैयार हैं ?

जॉर्डन:
अपने देश में इस पवित्र माह में बारों, शराब दुकानों, नाइट क्लबों, रेस्तराओं में शराब की बिक्री पर प्रतिबंध लगाने तथा दिन के समय रेस्तराओं व कॉफ़ी शॉप को बन्द रखने के बारे में खबर पढ़ कर जॉर्डन में नसीम तरवन  रमजान की पवित्रता पर  एक निगाह  डाल रही हैं.

उनका कहना है “बहरहाल, इस विषय में मेरी कोई विशिष्ट धारणा नहीं है. प्रकटतः इस तरह के कुछ हद तक प्रतिबंध तो मुझे स्वीकार्य हैं परंतु मैं कोई  यथार्थवादी व्यक्ति नहीं हूँ, और मुझे पता है कि ऐसा कभी होगा भी नहीं.  और इसीलिए मुझे इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि इन्हें खुला रहने देना चाहिए या बन्द.  मुझे यह भी पता है कि पूरा रमजान शराब से तरबतर रहेगा. एक एक बूंद शराब के लिए अरबी (विदेशी सैलानी नहीं) पूरे शहर की खाक छान मारेंगे . यह एक सच्चाई है कि ज्यादातर शराब पीने वाले जॉर्डनियाई हैं, और किसी भी परिभाषा से,  यदि उन्हें नशेड़ी नहीं तो बॉर्डरलाइन-एल्कोहलिक्स तो कहा ही जा सकता है. ‘केजुअल ड्रिंक’ अस्तित्व विहीन है. शराब की आलमारियाँ संभवतः पूरी भरी जा चुकी होंगीं.

जहां तक रमजान का सवाल है, मेरा यही कहना है…

अब तो कुछ भी पवित्र नहीं रह गया है.

और, ये बात मुझे कतई आश्चर्यचकित नहीं करती”.

मोरक्को:

लेडी मैकलोद, जो कि मोरक्को में रहती हैं को इस महीने का बेसब्री से इंतजार है परंतु वे रबात में महिलाओं के पहनावे को लेकर व्याकुल हो रही हैं.

उन्होंने लिखा- “शनिवार को मदीना  (शहर) में दवाई  (प्रिस्क्रिप्शन ड्रग) तथा दही ढूंढते ढूंढते मुझे भीड़ भरी सड़कों पर राजनीति और चूचुकें ही नजर आईं… और मुझे ये कतई सेक्सी नहीं लगीं. क्या पुरुषों को ये सेक्सी लगीं? कहने का अर्थ यही कि रबात मदीना में रमजान के दो सप्ताह पहले के शनिवार को चलते फिरते ये सब देखना क्या सही है. पकड़ें. नक्शे में देखें. सोचें कि आप कहाँ हैं. मैं कोई मोरक्कन नहीं हूँ और न ही मुसलमान, फिर भी मुझे अच्छा नहीं लगा”.

लेडी मैकलोद मुसलमान नहीं हैं, मगर इस माह में वे रोजा रखना चाहती हैं.

वे स्पष्ट करती हैं – “दवाई दुकान की उस भद्र महिला ने मुझे बताया कि रमजान में सिर्फ दो सप्ताह बचे हैं.  मुझे अपने कैलेण्डर की जांच कर लेनी चाहिए क्योंकि मेरा विचार इस साल भी रोजा रखने का है. पिछले साल मुझे यह बहुत ही आध्यात्मिक किस्म का लगा था. रमजान की पवित्रता को पूरे देश के द्वारा सम्मान दिया जाना बहुत ही प्रेरक है. इसके प्रभाव के बावजूद, पिछले साल रमजान के दिनों मेरी दोस्त रेबेका, जो कि मुसलमान है, का पर्स लूट लिया गया. मुझे उसकी प्रतिक्रिया बहुत प्यारी लगी – वह लुटेरे पर चिल्लाई –  “ दोगले, मैं एक मुसलमान हूँ, और ये रमजान का महीना है!” तो भले ही हर एक को पवित्रता का बोध भले ही न होता है, मेरे लिए तो यह मेरे अपने विश्वासों को याद करने के लिए बढ़िया काम आता है. यहां पर वैसे तो कोई बौद्ध मंदिर नहीं है, परंतु मेरे पास मेरी पूजा वेदिका है तथा वे चाहे किसी भी धर्म में हों,  प्यार और करुणा एक ही होते हैं. है कि नहीं?”.

सीरिया:
सीरिया से  मुस्तफा हमीदो  स्पष्ट कर रहे हैं कि उनके लिए रमजान का क्या महत्व  है. वे कहते हैं:

“अगले सप्ताह रमजान है. सीरिया और मध्य-पूर्व में रहने वाले मुसलमानों तथा कुछ हद तक ईसाइयों के लिए भी जो हमारे साथ रहते हैं, इसका विशेष महत्व है. आप कह सकते हैं कि यह पूरे महीने भर का उत्सव है, जिसके तीसवें दिन को महोत्सव के रूप में मनाया जाता है. यह सिर्फ सूर्योदय से लेकर सूर्यास्त तक का उपवास मात्र नहीं है. यह उस जीवन से पूर्णतः भिन्न होता है जो हम बाकी के साल भर जीते हैं.”

बहारिन:
बहारिन से सिली बहारिनी गर्ल इस माह के तथा ईद मनाने के अपने अनुभवों को फास्ट फारवर्ड करती हुई बताती हैं कि चन्द्रदर्शन के धार्मिक कारणों में मतभिन्नता की वजह से रमजान विश्व के सभी मुसलिम देशों में एक ही दिन से प्रारंभ नहीं होता है .  वे लिखती हैं-

“जब हम बड़े होने लगते हैं तो कई-कई दिनों तक चलने वाला ईद का त्यौहार हमारे लिए शानदार होता है जो कि उस बात पर निर्भर करता है कि आपको कौन सी पगड़ी सही लगती. यह हमें पहले दिन नॉन-ऑब्जरवेंट मित्रों से मिलने का सुअवसर देता (जो कि आमतौर पर बहारिन द्वारा आधिकारिक रूप से घोषित किया हुआ दिन होता है), फिर दूसरे दिन किसी परिवार के साथ दोपहर का भोजन और तीसरे दिन किसी अन्य तीसरे परिवार में! वास्तव में समस्या तब होती है जब हर कोई ईद  को पहले ही दिन मना लेता है और फिर आपको लाखों लोगों से एक छोटे से दिन में ही मिलना होता है… फिर दोस्तों से मिलने के लिए और तनाव रहित वातावरण में आराम करने के लिए समय निकालना होता है.

चलिए, ऐसा करते हैं कि एक सिक्का उछालते हैं और अंदाजा लगाते हैं कि इस साल क्या हो सकता है. क्या यह संयुक्त सुन्नी-शिया ईद होगा.. या एक ऐसा ईद होगा जो कई दिनों तक मनाया जाता रहेगा जिसके लिए लंबी दाढ़ियाँ और चमकीली पगड़ियाँ लड़ाइयाँ लड़ेंगें?

आह..

जो भी हो, मैं तो उस दिन ईद मनाऊंगी जिस दिन मुझे वह सबसे उपयुक्त लगेगा.!”

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