ओमानी चिट्ठाकार स्लीपलेस उम्मीद जता रहे हैं [1]कि सभी इस्लामी देश रमज़ान की शुरुवात एक ही दिन करना तय करेंगे। वे लिखते हैं “उम्मीद की जाय कि इस बार हम पूरे अरब व इस्लामी विश्व में एक ही दिन पर रज़ामंद होंगे बजाय इसके कि बेवकूफ बनें और फिर कहें कि हमें तो चाँद दिखा ही नहीं।”
ओमान: एक ही दिन हो रमज़ान
· लेखक Amira Al Hussaini अनुवादक Debashish Chakrabarty
विभाग: मध्य पूर्व व उत्तरी अफ्रीका, ओमान, धर्म