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भारत : ऑरकुट और एक किशोर की मौत

विभाग: लोकप्रिय आलेख, प्रथम आलेख, दक्षिण एशिया, भारत, तकनलाजी, युवा

मुम्बई के 16 वर्षीय अदनान पत्रवाला की हालिया मृत्यु पर भारतीय ऑनलाइन समुदाय हिल गया है. प्रकटतः, अदनान को उसके दोस्तों ने ही ऑरकुट पर प्रलोभन दिया था और बाद में उनकी हत्या हो गई. क्या ऑरकुट को इस किशोर की हत्या के लिये जिम्मेदार ठहराया जा सकता है? भारत में ऑरकुट के लाखों उपयोक्ता हैं. पुलिस की खोजबीन से ये पता चला है कि अदनान को मारने की योजना ऑरकुट में बनी और मुख्य-धारा की मीडिया अपनी ऊंगली ऑरकुट की ओर उठा रही है तथा अदनान की असामयिक मृत्यु के लिए इस सामाजिक साइट को किसी न किसी रूप में जिम्मेदार मान रही है.

ऑरकुट एंड मीडिया [1], में अपने पोस्ट में तपन शाह ने इंगित किया है कि तकनॉलाज़ी किसी भी रूप में अदनान की मृत्यु के लिए जिम्मेदार नहीं ठहराई जा सकती. उन्होंने लिखा:

ऐसा लगता है कि अन्य मीडिया, इंटरनेट को एक वैध मीडिया के रूप में स्वीकार करने में असफल रहे हैं. मुख्य-धारा की मीडिया (टेलिविजन तथा समाचार पत्र – देशी तथा अंग्रेज़ी दोनों ही) की इस मानसिकता को मैंने पहले भी महसूस किया है कि जब भी समाज में कुछ गलत हो जाए तो या तो समस्या को खड़ा कर दो या तकनॉलाज़ी के सिर मढ़ दो?… भगवान के लिए, इंटरनेट सिर्फ एक माध्यम है, साधन है – यह कोई हत्यारा नहीं है.

द रेड पेंसिल [2] के विवेक लिखते हैं:

यह घटना निश्चित रूप से ऑनलाइन समुदाय में कंपन पैदा करने का कारण बनेगी. एक शिक्षक और अध्यापक के रूप में हमारी जिम्मेदारी है कि हम अपने विद्यार्थियों को ऐसी घटनाओं से सुरक्षित रखें. इसके लिये सही कदम यह होगा कि ऑरकुट तथा फेसबुक जैसी साइटों पर स्कूलों में पूर्ण प्रतिबंध लगाया जाना चाहिए. इस घटना की प्रतिक्रिया स्वरूप ऐसा कुछ हो यह मुझे नहीं लगता.

एक बेहतर उपाय यह हो सकता है कि लोगों को अविवेकी ऑनलाइन व्यवहार के संभावित खतरों के बारे में लोगों को शिक्षित किया जाए जैसे कि विद्यार्थियों को यौन शिक्षा के बारे में बताया जाए. विद्यार्थियों को अदनान के इस दुर्भाग्यशाली जैसी घटनाओं का उदाहरण लेकर शिक्षित किया जाए कि कैसे और किस प्रकार के खतरे मौजूद रहते हैं. किसी अजनबी को अपनी व्यक्तिगत जानकारी किसी सूरत में नहीं देनी चाहिए और न ही ऐसे लोगों से कोई भोज्य पदार्थ स्वीकारना चाहिए. वैसे भी, कम्प्यूटर स्क्रीन का कोई आभासी व्यक्ति जो व्यक्तिगत रूप से मीलों दूर होता है तो उसके व्यवहार की पहचान आप किसी सूरत नहीं कर सकते.

ए व्हिमसिकल माइंड [3] के वाणी को अदनान के इस दुर्भाग्यशाली मृत्यु पर अचरज है. उन्होंने लिखा है :

ऐसी क्या वजहें होती है जो किशोरों को इंटरनेट पर अजनबियों से मिलने को ललचाती हैं? या तो संभवतः यह हो सकता है कि जो तेज जिंदगी वो जीना चाहते हैं या एड्रेनलीन का तीव्र रसाव उन्हें अजनबियों से मिलने को उत्प्रेरित करता है. तो इसके लिये हम किसे अपराधी ठहराएँ? क्या उन्नत तकनॉलाज़ी को अपराधी ठहराएँ या आसान पैसे को? अनियंत्रित वेबसाइटों को या फिर उनके पालकों को जिन्हें यह नहीं पता होता कि उनके बच्चे क्या कर रहे होते हैं.

[मूल प्रविष्टि लेखिकाः कमला भट्ट [4] ]