किर्गिस्तानी बहू के इंस्टाग्रामिय नाच गाने से पता चली दुल्हनों की दुर्दशा

21 वर्षीय इंस्टाग्राम प्रयोक्ता सेकाल जुमालियेवा किर्गिस्तानी दुल्हनों की दुर्दशा पर ध्यान दिलाने के लिये एक परंपरागत किर्गिस्तानी तंबू के बाहर ‘स्टेयिंग अलाइव’ गाते हुये। चित्र विकिपीडिया कॉमन्स, 2006 के अधिकार से।

बी जीज़ के एक क्लासिक पश्चिमी डिस्को गीत स्टेयिंग अलाइव को गाते हुये एक किर्गिस्तानी ग्रामीण दुल्हन का एक वीडियो मध्य एशिया में वायरल हो गया है। इसे अब तक लगभग 83000 लोगों ने देखा है और अन्य सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर साझा किया है। विडियो के द्वारा इस पूर्व सोवियत गणराज्य में लड़कियों के जल्द विवाह की समस्या और ग्रामीण दुल्हनों के जीवन की कठोर वास्तविकता सामने आती है।

70 के दशक के इस क्लासिक गीत पर जिस महिला ने नृत्य और लिप सिंकिंग की है दरअसल वह कोई केलीन (तुर्की भाषा में बहू या दुल्हन) नहीं बल्कि लड़कियों के जल्द विवाह का सोशल मीडिया में विरोध करने वाली एक किर्गिस्तानी इंस्टाग्राम प्रयोक्ता, सैकल जुमालीवा है। “नर्तकी बहू” पुकारी जाने वाली जुमालीवा किर्गिस्तान में छायांकन का छात्रा हैं। मीडिया साक्षात्कार और इंस्टाग्राम पोस्ट के अनुसार, जुमालीवा महज़ 21 साल की हैं फिर भी समाज उसे एक उम्रदराज़ औरत के रूप में देखता है जिसकी जल्द से जल्द शादी कर देनी चाहिए। बीबीसी अंग्रेजी के साथ एक साक्षात्कार में उसने ग्रामीण क्षेत्रों में युवा दुल्हनों के कठिन जीवन का ब्यौरा दिया:

“Life in the village is round-the-clock work. Brides finish one chore and start another. They work 24/7.”

“गांव का जीवन रात दिन का है। बहुयें घर का एक काम पूरा करे नहीं कि दूसरा काम उनके लिये मुंह बाये रहता है। वे हफ्ते के सातों दिन चौबीसों घंटे खटती रहती हैं।”

केंद्रीय एशियाई गणराज्यों में लड़कियों का जल्द विवाह, गैरकानूनी होने के बावजूद एक आम समस्या है जहां, खासकर ग्रामीण क्षेत्रों में, कम उम्र लड़कियों को मां बाप द्वारा विवाह के लिए मजबूर किया जाता है। इसके अलावा किरगिज़ और कज़ाख लड़कियां दुल्हनों के अपहरण अपराधों से भी पीड़ित हैं। किर्गिस्तान में करीब 12 फीसदी लड़कियों की उनके 18वें जन्मदिन से पहले शादी कर दी जाती है। सालाना तकरीबन 12000 किर्गिज़ लड़कियों का अपहरण कर उनका जबरन विवाह कर दिया जाता है।

इस क्षेत्र में अधिकांश नवविवाहित महिलायें अपनी सास ससुर के साथ रहते हैं और पूरे परिवार के लिए खाना पकाने से लेकर घर की साफ सफाई जैसे घर के सारा कामकाज नई दुल्हन के कंधे पर आ पड़ते हैं। समाज उम्मीद रखता है दुल्हन अपने पति के परिवार की सेवा करेगी। ऐसे में वे अपनी स्वतंत्रता, पढ़ाई के अवसर और अधिकांश मामलों में नौकरी करने का अधिकार भी खो बैठती हैं। दुल्हने घरेलू शारीरिक शोषण का शिकार होती हैं और उनकी सास खास तौर पर उनके खिलाफ मनोवैज्ञानिक हिंसा का इस्तेमाल करती रहती हैं।

राज्य द्वारा वित्त पोषित राष्ट्रीय कार्यक्रमों और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर वित्त पोषित नागरिक समाज की पहल के बावजूद, इस मुद्दे पर उठाये कदम इतने प्रभावी नहीं हुये हैं जिससे इन महिलाओं के जीवन पर स्थायी प्रभाव पड़े। इस किर्गिस्तानी कीजी (किर्गिस्तानी भाषा में लड़की) के इंस्टाग्राम नृत्य जैसे अभिनव तरीके ग्रामीण किर्गिस्तान में दुल्हनों की कठोर वास्तविकताओं के बारे में जागरूकता बढ़ाने में अधिक प्रभावी हैं।

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